Friday, February 8, 2019

कृषक

सिर पर पगड़ी, हाथ में लाठी,
हल बैल हैं उसके साथी,
मेहनत करता वो सुबह से शाम,
वो है भारत का कृषक महान।

उत्पादन अनाज का करता,
पूरे देश का पोषण करता,
सबका तो है रखता ध्यान,
वो है भारत का कृषक महान।

प्रकृति से वह जुड़ा हुआ है,
उसी के बलवूते खड़ा हुआ है,
प्रकृति भी करती उसका सम्मान,
वो है भारत का कृषक महान

आधुनिकता के चक्र में फंसकर,
दोहन हुआ प्रकृति का डटकर,
प्रकृति के रोष का,है करता कृषक भुगतान,
वो है भारत कृषक महान।

                    - अनुराधा यादव

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