Monday, February 18, 2019

वक़्त

वक़्त जो निकल गया,
वो वक़्त फिर न आएगा,
वो वक़्त तेरी आँखों को ,
हर वक्त नम कराएगा,
हर वक़्त मन ये सोचेगा,
मैंने वक़्त क्यों गँवाया,
वक़्त रहते कार्य मैंने,
पूर्ण क्यों नहीं कर पाया,
अब वक़्त तो निकल गया,
पर हाथ कुछ न आया,
मैं वक़्त को तो कोसता,
खुद कुछ नहीं कर पाया,
मन में अब विचार है,
जो वक़्त मेरा रह गया,
हर वक़्त ऐसा काम कर,
साथ पकड़ उस वक्त का,
जो वक़्त आगे निकल गया,
फिर देख तेरी जिंदगी,
हर वक़्त को जियेगी,
फिर तुझको तो वक्त में,
जीवन की छवि दिखेगी,
वक़्त भी तेरे वक़्त को,
सौगातों से भर देगा,
तब देखना हर वक़्त तेरा,
वक़्त वक़्त पर दिखेगा।

               -अनुराधा यादव

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