Friday, February 1, 2019

गीत गुनगुनाएं

आओ सभी हम मिलकर यही गीत गुनगुनाएं,
स्वरूप जिंदगी का हम प्रेम से सजाएं,
प्रभात हर किसी का आशामयी बनाएं,
हर शाम को तो हम खुशियों की समां जलाएं,
गर कोई है दुखी तो उसे ढाँढस बंधाये,
आंसू तो उसके पोंछ कर मानवता दिखाएं,
रूढ़िवादिता, आडम्बरों से जागरूक हो जाएं,
इस समाज की समस्या को मिल कर सुलझाएं,
हर एक के हित हेतु खुद को सजग बनाएं,
अवगुणों को त्याग कर सद्गुण अपनाएं,
प्रेम को इस संसार में व्यापक बनाएं,
खुद भी जियें इसके लिए,सबको जीना सिखाएं,
आओ सभी हम मिलकर यही गीत गुनगुनाएं।

                        -अनुराधा यादव

No comments:

Post a Comment