पैर रखा आधुनिकता में,
अब खड़ा होना है हमें,
जरूरत पूरी कर सकें,
आत्मनिर्भर बनना है हमें,
यदि देश को आगे बढ़ाना,
तो साथ चलना है हमें,
अखण्डता बचानी देश की,
तो समन्वय रखना है हमें,
देशभक्ति सदभावना की,
ज्योति जलाना है हमें,
उस ज्योतिपुंज के तेज से,
रूढ़ियाँ मिटाना है हमें,
संस्कृति हमारे देश की,
फिर से लौटाना है हमें,
भारत को फिर से विश्व का,
गुरुवर बनाना है हमें।
-अनुराधा यादव
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