Saturday, February 16, 2019

सरस्वती मां

वरदायिनी, फलदायिनी,
स्वरदेवी , वीणावादिनी,

मम हृदय में निवास कर,
संताप मेरे माता हर,

सुखरंजनी, भवभंजनी,
मां श्वेत वस्त्र धारिणी,

पावन पतित कर मन मेरा,
शक्ति से भर दे तन मेरा,

दुःख हारिणी ,जगतारिणी,
मां श्वेत हंस सवारिणी,

निस्वार्थ सतपथ पर चलूँ,
सद्कर्म मैं करती रहूँ,

ज्ञान की भण्डारिणी,हे माता विद्यादायिनी,
हो कमलपद पर सुशोभित हे कमलपद्मसिनी,

सच,प्रेम ,निष्ठा,कर्मशीला,शान्तिदूता मैं बनूँ,
इतनी शक्ति दीजिए कुछ देशहित में कर सकूँ।

                           -अनुराधा यादव

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