हर मुमकिन प्रयास से,
तेरा सँवारते संसार हैं,
अपनी हर खुशी तुझपे,
देते निसार हैं,
वो तेरी जिंदगी में हरदम,
चाहते वृद्धि और प्रसार हैं,
कमियां हो लाख तुझमें,
फिर भी करते दुलार हैं,
उनका तो तुझसे ही,
जगसंसार है,
देखना भगवान को यदि,
रूप उनका निहार है,
माता की ममता,
अगाध और अपार है,
पिता के स्नेह का,
आकाश सा प्रसार है,
माता-पिता के चरणों में,
स्वर्ग का विस्तार है,
माँ बाप का आशीष तो,
रक्षा कवच तुम्हार है।
-अनुराधा यादव
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