दर्द समझे दूसरों का,
दुःख दूर करे दुःखियों का,
सच्ची नियत है जिसके हर काम की,
वही इंसानियत है इंसान की।
घबराए न मुसीबत में,
धैर्य रखे इस पल में,
जो परवाह करे दूसरों के मान की,
वही इंसानियत है इंसान की।
हो कितना धनवान चाहे,
हो कितना सम्मान चाहे,
पर जो जिंदगी जिये न अभिमान की,
वही इंसानियत है इंसान की।
सहायक बने जरूरतमंद का,
जिसके गुणों से बिखरे स्वच्छंदता,
जो इज्जत करे विद्वान की,
वही इंसानियत है इंसान की।
-अनुराधा यादव
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