Friday, January 11, 2019

अब्दुल कलाम

भोर हुई सूरज निकला था,
दिन वो 15 अक्टूबर 1931 का था,
भारत में जन्मा एक सितारा,
बिखेर रहा था वह मुस्कान,
भारत माँ का सच्चा बेटा, वह था वीर अब्दुल कलाम।
गम्भीर कुशल था धैर्यवान वह,
विनम्रशील था बुद्धिमान वह,
सीख ली उसने वह जब भी हारा,
किया परिश्रम था अविराम,
भारत माँ का सच्चा बेटा, वह था वीर अब्दुल कलाम।
जीवन किया समर्पित उसने,
भारत माँ की सेवा में,
पाँच मिसाइलें बनाईं उसने,
वृद्धि की देश की शक्ति में,
कायल उसका था जग सारा,
उसका जग में था सम्मान,
भारत माँ का सच्चा बेटा, वह था वीर अब्दुल कलाम।

                                   -अनुराधा यादव

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