हर ग्रंथ ने हर पंथ ने,
हर विद्वान ने हर संत ने,
हर ऋषि मुनि भगवंत ने,
गुरु के गुणों का किया बखान,
स्मरण करते ही जिसको,
शब्द निकलता है सम्मान,
भगवान के पद से है ऊपर,
संदेह न इसमें है तिलभर,
जीवन की इस बागडोर को,
जीवन के हर एक छोर को,
शुद्ध स्पष्ट बनाता है,
इस समाज में रहने का हुनर हमें सिखाता है,
अंधकारमयी इस जीवन में,
दुःख से परिपूर्ण इस जीवन में,
गुरु ज्योति पुंज बन आता है।
-अनुराधा यादव
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