लाल आंखें खोल कर,
तिमि को तो पीछे छोड़ कर,
रवि ने तो ली है अँगड़ाई,
उठ जा प्यारे अब तो तू भी,
कर ले थोड़ी सी पढ़ाई,
ज्ञान अर्जित कर ले तू,
जो है तेरे लिए विहित,
विद्या धन ही एक है,
जिसमें सभी हैं सुख निहित,
संसार के इस पाश से जो,
मुक्त कराएगी तुझे,
इस अगम्य अपार संपत्ति का,
कुछ अंश धारण करना है तुझे,
संघर्षमय जीवन की यह कम तो करेगी गरुआई,
दूर इस जीवन से होगी कष्टदायनी बुराई,
प्रेम का संचार होगा,
खुशियों का उद्गार होगा,
शिक्षा से ही तो इस संसार का उद्धार होगा।
-अनुराधा यादव
Bahut badiya...ek shiksha hi h jo is sangharshmai duniya me hme rahne layak bnati h.....👍👍👍☺😄😄
ReplyDeleteBhaut sahi
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