Friday, January 18, 2019

उज्ज्वलता का प्रभाव

रात अंधेरी इठला रही थी,
सबको अपना बना रही थी,

तिमि तो ऐसे छा रहा था,
मानो कभी न जाना था,

चौथा पहर जब बीता है,
तिमि को लगा वह जीता है,

पर काल ऊषा का आया है,
ज्योति का संदेश लाया है,

तिमि तो हार मानकर,
अपना समय न जानकर,

गुम गया ऊषा काल में,
तब आँख खोली सूरज ने इस संसार में,

उज्ज्वल, तेज, प्रकाश से संसार प्रकाशवान हुआ,
संसार के हर जीव में सक्रियता का संचार हुआ।

                                   -अनुराधा यादव

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