Thursday, January 24, 2019

देश की पुकार

हमारा देश भारत है हाथ गैरों के कभी था,
जान देकर जान लेकर जिसे वीरों ने है जीता,
जमाने हैं गए बीते मगर ये याद तुम रखना,
भारत मात का आँचल संजोकर है तुम्हें रखना।

अखंडता देश में हो यही बापू का सपना था,
प्रेम हर मजहबी में हो यही बापू के सपना था,
मजहबी बनने से पहले भारतीय है तुम्हें बनना,
देश को सम्प्रदायों से बचाके है तुम्हें रखना,

मिला अधिकार है मत का प्रयोग जिसका तुम्हें करना,
अपने कर्तव्य को समझे वो प्रतिनिधि है तुम्हें चुनना, तुम्हारा देश कैसा हो ये निर्णय है तुम्हें करना,
सफल निर्णय लेने को प्रयोग मत का तुम्हें करना।

                                    -अनुराधा यादव
  

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