संसार में सद्भावना का,
विवेक, विनम्र , विद्वानता का,
जल सा प्रवाह जिसने किया,
मन तृप्त निज तप से किया,
अनुभव कराया आनन्द का,
भारत माँ का लाल,
वो विवेकानंद था।
प्रतिभा का कायल जग सारा,
हिन्द का वो न्यारा सितारा,
हिन्द की तो हिन्दवी को,
अपनी पूरी जिंदगी को,
रस्ता दिखाया उन्नति और सानन्द का,
भारत माँ का लाल,
वो विवेकानन्द था।
No comments:
Post a Comment