Monday, April 15, 2019

गुलफ्शा

मासूमियत जिसमें भरी,
अब्बू की वो है परी,
संघर्षमयी ये जिंदगी,
माने खुदा की बंदिगी,
इल्तिज़ा उसकी सदा,
सद्मार्ग पर चलूँ सदा,
संवेदना इतनी भरी,
पर आलस से है खफ़ा,
जुनून उसके अक्स में,
फिर भी थोड़ी सी दुविधा के पक्ष में,
उसकी प्यारी सी मुस्कान पे,
मां बार दे निज जान है,
मां की आंखों का सितारा,
वो गुलों की है फ़िज़ा,
जिसकी चाहत कुछ करने की,
वो प्यारी सी है गुलफ्शा।

                -अनुराधा यादव

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