हर कदम ऐसे रखो,
कि शूल गलती का ना चुभे,
पद चिन्ह ऐसे छोड़ दो,
जो समाज को प्रेरित करे,
सज ले, संवर ले,
या नहा ले तू इत्र से,
पर सगुणों से है सुंदरता,
और सुगन्ध है सच्चरित्र से,
ढोंग, अंधभक्ति से,
खुद को बचाये रखना,
विश्वास और निज शक्ति से,
खुद को सजाये रखना,
अनमोल है ये जिंदगी,
जी ले पूरे जतन से,
कुविचार, पाप प्रवृत्ति का,
मैल धो दे तू मन से।
-अनुराधा यादव
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