संघर्षमयी संसार में,
स्वार्थपन की आड़ में,
कोशिश तुझे गिरने की,
हर कोई करे हर बार में।
गर चाहिये खुशी साकार में,
तो मजबूती कर आधार में,
चाहत जो सफलता पाने की,
तो परिवर्तन के व्यवहार में।
जीवन की लूटमार में,
मत बैठना तू हार में,
हर बाजी इस जीवन की,
तू खेलना हर हाल में।
-अनुराधा यादव
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