Friday, March 8, 2019

जीवन का सत्य

जीवन का अंतिम सत्य यही,
यदि जन्म लिया पृथ्वी पर है,
तो अवश्य मरण निश्चित है यही,
जीवन के हर रंग द्वेष का,
हर एक देश हर एक वेश का,
अंतिम क्षण वह आता है,
जो जीवन में नए आदर्शों,
संस्कृति को जन्म दिलाता है,
मानव प्राणी है इसी धरा का,
वो भी तो मुंह देखता जरा का,
चाहे कितना मजबूत त्राण हो,
पर बचा न सकता वो भी प्राण को,
जो वस्तु यहां उत्पन्न हुई,
वो अपने समय पे नष्ट हुई,
सूरज , चन्दा और तारे भी,
पृथ्वी जो पालक हमारे भी,
उस दिवस नष्ट हो जाएंगे,
जिस दिन वो अपने जीवन का,
वो अंतिम क्षण पा जाएंगे,
जन्म मरण के नियमों का,
उल्लेख सृष्टि के संविधान में है,
पर जीवन के सद्कर्मों का,
वास हर एक के जुबान पे है,
इस लिए मरण से पहले ही,
जीवन को सरल बनाओ तुम,
निष्ठा, विवेक बुद्धिमानी की,
जीवन में मिसाल बनाओ तुम।

                  -अनुराधा यादव

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