Wednesday, May 8, 2019

जीवन की राह

तुम गुणी मनुज का गुण देखो ,
देखो उसकी पहचान नहीं,

धारण कर लो तुम उस गुण को,
जिसकी की अब तक पहचान नहीं,

मत करो कर्म ऐसा कोई,
जिसके परिणाम का ज्ञान नहीं,

रोष, खुशी में आकर के,
करना किसी निर्णय का ऐलान नहीं,

अपनी अनमोल जिंदगी में,
करना किसी का अपमान नहीं,

मन की मनसा पूरित करने में,
भेजना हृदय को शमशान नहीं,

कर ले सद्कर्म यहाँ पर तू,
जिसमें लगता कोई लगान नहीं।

                      -अनुराधा यादव

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