Saturday, May 11, 2019

अनमोल संस्कृति

अनमोल संस्कृति भारत की,
जिसमें एक नई कहानी आगत की ।

पुरुषों में शिरोमणि राम हुए,
जग पालक वो सुखधाम हुए,
सुचिता सीता की आदर्शरूप,
तेज, चाल सब कम कर दी,
जिसने रावण के झंझावत की,
अनमोल संस्कृति भारत की,
जिसमें एक नई कहानी आगत की।

त्याग प्रेम हमें कृष्ण सिखाते,
जीवन का सद्मार्ग दिखाते,
खुद राधारानी प्रेम स्वरूपा,
निज जीवन के हर क्षण में,
व्याख्या की प्रेम की ताकत की,
अनमोल संस्कृति भारत की,
जिसमें एक नई कहानी आगत की।

एकलव्य धनुर्धर परमवीर,
ठान लिया सीखना धनुष तीर,
गुरु की मूरत के समक्ष,
समझा उसने गुरु है प्रत्यक्ष,
सीखा है चलाना धनुष बाण,
गुरु की गरिमा रखने के लिए,
अंगुष्ठ समर्पित किया गुरु को,
रख ली थी लाज गुरु की इजाजत की
अनमोल संस्कृति भारत की,
जिसमे एक नई कहानी आगत की।

प्रह्लाद,ध्रुव और अभिमन्यु,
तारों से चमके छोटे जुगनू,
कर्तव्य धर्म और निष्ठा से,
अपनी एक निष्ठ प्रतिज्ञा से,
दुनियां को नई जागृति दी,
अनमोल संस्कृति भारत की,
जिसमे एक नई कहानी आगत की।

अनुसूइया विदुषी एक नारी,
निज सतीत्व से बाधाएं पछारीं,
निज तप बल और पतिव्रत से,
गंगा की धारा अवतरित की,
अपने आदर्श सकर्मों से,
दी नई परिभाषा हर आलम की,
अनमोल संस्कृति भारत की,
जिसमे एक नई कहानी आगत की।

परम् सुंदरी परम् पुनीता,
पतिव्रता थी परम् सुनीता,
सावित्री पति प्रेम पुजारिन,
भिड़ गई यम से कुटिया की बासिन,
है रक्षक बन पति प्राणों की,
आदर्श बनी यहां मानव की,
अनमोल संस्कृति भारत की,
जिसमे एक नई कहानी आगम की,

दानवीर वो कर्णवीर,
नियमबद्ध वो परमवीर,
उसने मित्रता निभाने को,
निज मीत का कर्ज चुकाने को,
निज धन यश बल की आहुति दी,
अनमोल संस्कृति भारत की,
जिसमें एक नई कहानी आगत की।

महर्षि दधीचि मुनी अतिज्ञानी,
देवन ने ऋषि महिमा जानी,
असुरों की जब भीड़ पड़ी,
देवन ने विनती आन करी,
तब निज अस्थियों से बज्र बनाया,
जिसने क्षीण शक्ति की,
असुरों के आगर की,
अनमोल संस्कृति भारत की,
जिसमें एक नई कहानी आगत की।

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