है लिपटा कपडों में लाल,
25 दिसंबर को आता हर साल,
नई उमंगें खुशियों की है लेकर आता,
झूठ,बुराई,दुराचार, इसको नही भाता,
गुण हैं इसके विवेक, प्रेम और सच्चाई,
भटक न सकती इसके पास बुराई,
न रहा ठिकाना खुशियों की बच्चों का,
इच्छित उपहार आएगा दिल के सच्चों का,
बच्चे ऐसा सोच रहे थे सपने में,
मन-मुग्ध मगन है बस वो अपने में,
किसी के सपने को नहीं टूटने देना है,
सांता क्लॉज का अवतार सभी को लेना है,
जिसकी जो चाहत है वैसी भेंट करो,
प्राणी मात्र से दया भाव और प्रेम करो,
संचार करो इस दुनियां में तुम आशा का,
अंत करो इस तिमिरमयी निराशा का,
पूर्ण करो जो अपनों ने सपनें देखे,
कार्य करो यह सांता क्लॉज का रूप लेके,
मात-पिता के जीवन को खुशियों से भर दो,
इस जग की महिलाओं को जग में जीने दो,
आज के इस संसार की बस यही तमन्ना है,
प्रेम, एकता, बन्धुत्वा से सबको जीना है।
-अनुराधा यादव
25 दिसंबर को आता हर साल,
नई उमंगें खुशियों की है लेकर आता,
झूठ,बुराई,दुराचार, इसको नही भाता,
गुण हैं इसके विवेक, प्रेम और सच्चाई,
भटक न सकती इसके पास बुराई,
न रहा ठिकाना खुशियों की बच्चों का,
इच्छित उपहार आएगा दिल के सच्चों का,
बच्चे ऐसा सोच रहे थे सपने में,
मन-मुग्ध मगन है बस वो अपने में,
किसी के सपने को नहीं टूटने देना है,
सांता क्लॉज का अवतार सभी को लेना है,
जिसकी जो चाहत है वैसी भेंट करो,
प्राणी मात्र से दया भाव और प्रेम करो,
संचार करो इस दुनियां में तुम आशा का,
अंत करो इस तिमिरमयी निराशा का,
पूर्ण करो जो अपनों ने सपनें देखे,
कार्य करो यह सांता क्लॉज का रूप लेके,
मात-पिता के जीवन को खुशियों से भर दो,
इस जग की महिलाओं को जग में जीने दो,
आज के इस संसार की बस यही तमन्ना है,
प्रेम, एकता, बन्धुत्वा से सबको जीना है।
-अनुराधा यादव
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